What is ishan cone?
South-East direction is also called “Agneya” cone. वास्तुशास्त्र में ईशान कोण को काफी महत्व है। मकान बनवाते समय इस दिशा को. Answer : According to Vastu Shashtra the best place of pooja room in House/Flat/Banglow is North East corner. वास्तुशास्त्र में ईशान कोण का खास ही महत्व होता हैं। इसे भगवान शंकर का दिशा. वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि भवन के किसी भी दिशा या कोण में कोई दोष होता है तो इसके कई.
वाराणसी । दस दिशाएं होती हैं। पूर्व, आग्नेय, दक्षिण, नैऋत्य, पश्चिम, वायव्य, उत्तर, ईशान, नीचे और ऊपर। उत्तर और पूर्व के बीच की दिशा को ईशान कोण कहते हैं। आइए जानते हैं कि वास्तु और ज्योतिष में क्या है इसका महत्व। ईशान है देवताओं की दिशा : शिवजी का एक नाम है ईशान। इस दिशा में सभी देवी और देवता निवास करते हैं।
1. खुला आकाश : ईशान कोण में धरती का आकाश ज्यादा खुला और उजला नजर आता है क्योंकि हमारी धरती इसी कोण में उठी हुई है या कहें कि झुकी हुई है।
2. ईशान कोण के स्वामी : ईशान कोण के स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं और देवता ब्रह्मा है। इसीलिए इस दिशा का गुरुवार नियुक्त है। अत: इस कोण में पीतवर्ण का उपयोग किया जाना चाहिए। इससे कोई से ही सांसारिक और आध्यात्मिक सुख एवं समृद्धि तय होती है। इस कोण को अच्छे से सजा करके रखना चाहिए।
3. जल की स्थापना : ईशान कोण में जल तत्व की स्थापना की जाती है। घर की इस दिशा में हैंडपंप, बोरिंग, होद या कुआं बनवाया जा सकता है। यहां पर मटके या घड़े में जल भरकर रखा जा सकता है या यहां जल की स्थापना की जानी चाहिए। घर में पंडेरी और बाहर स्वीमिंग पूल बनाया जा सकता है।
4. पूजाघर : वास्तु के अनुसार यहां पर पूजाघर बनवाया जा सकता है लेकिन किसी लाल किताब के जानकार से पूछकर ही पूजा घर बनवाएं।
5. स्वच्छ और रिक्त रखें : यह कोण धन, स्वास्थ्य ऐश्वर्य, वंश में वृद्धि कर उसे स्थायित्व प्रदान करने वाला है अत: इस कोण को भवन में सदैव स्वच्छ एवं पवित्र रखना चाहिए।
6. मुख्य द्वार : घर के मुख्य द्वार का इस दिशा में होना वास्तु की दृष्टि से बेहद शुभ माना जाता है। यदि आपका मकान ईशानमुखी है तो अति उत्तम है। बस आपको शौचालय, किचन और शयन कक्ष को वास्तु के अनुसार रखना चाहिए। यदि दरवाजा ईशान में है तो यह शांति, उन्नती, समृद्धि और खुशियों का खजाना है। उत्तर और ईशान के दारवाजों में ध्यान रखने वाली खास बात यह है कि सर्दियों में घर में ठंडक रहती है तो गर्माहट का अच्छे से इंतजाम करें। साथ ही ईशान कोण के दारवाजे के बाहर का वास्तु भी अच्छा होना चाहिए। इस दिशा से भी लगातार वायु का प्रवाह बना रहता है।
7. तिजोरी : कहते हैं कि यहां पैसा, धन और आभूषण रखने वाला घर का मुखिया बुद्धिमान माना जाता है। यह भी मान्यता है कि यह उत्तर-ईशान में रखे हों तो घर की एक कन्या और यदि पूर्व ईशान में रखे हों तो पुत्र बहुत बुद्धिमान और प्रसिद्ध होता है।
8. प्लांट : इस दिशा में तुलसी का पौधा लगाया जा सकता है। इसके अलावा केला, लटजरी, पाकड़ और आंवला का पौधा भी लगा सकते हैं।
9. ईशान दोष : उल्लेखनीय है कि ईशान कोण में किसी भी प्रकार का दोष है और कुंडली में भी गुरु पीड़ित है तो जातक में पूजा पाठ के प्रति विरक्ति, देवता, धर्म और गुरुओं पर आस्था में कमी, आय में कमी, संचित धन में कमी, विवाह में देरी, संतानोत्पत्ति में देरी, मूर्च्छा, उदर विकार, कान का रोग, गठिया, कब्ज, अनिद्रा आदि कष्ट होने की संभावना रहती है। इसीलिए ईशान दिशा में भारी सामान नहीं रखते हैं, शनि, राहु, केतु और बुध से संबंधित सामान भी नहीं रखते हैं।
Therefore one needs to follow VASTU Principles, rules & regulations for the Pooja room (Mandir). Mandir (PUJA ROOM) is a Worship room in our residence that energized us with positive vibration & energy.
Following are the tips Vastu for Puja Room suggested by AskAcharya's Vastu Expert Sunil Mehtani
1. #The direction of Pooja Room
2. #The direction of the face of the gods
3. #Keep neat and Clean to Pooja Room
4. #Pooja Room Design as per Vastu
5. #The roof of the Puja room
6. #Pooja Room in Bed Room
7. #Do not Place heavy object above the Pooja Room
8. #Arrangement of Shelves or Cabinet in pooja Room
9. #Do not keep money or other valuables in the Pooja Room
10. #Brahmasthan of Pooja Room
11. #Light in the Pooja room
12. #Vastu colors for pooja room
13. #Havan in Pooja Room
If you have to do havan daily in the Pooja Room, then you should place it in the South-East (fire zone) of the Pooja Room. While giving the offering to fire, our mouth should be towards the East. East is the direction of the sun, the infinite source of light and knowledge.
14. #Place of Lamp in the Pooja Room
15. #Meditation in Pooja Room
16. #Photo of the ancestors in Pooja Room
The small flats or the residential villas have limited areas for each room, and often, a spiritual awakening place a 'pooja room' is skipped from our home layout plan. If so, A Question may arise - What should do if there is no or tiny place for the Pooja Room in the Home? Vastu Consultant Sunil Mehtani suggests a solution for such a situation.
North-east is the most sacred zone. It is the best direction for the Pooja Room. It is regarded as the principal source of positive cosmic energy from the world of power. The directional lord of this direction is Ish, and the planetary lord of this direction is Jupiter. It provides the most utmost benefic ultraviolet rays of the Sun, which possess healing abilities. Seven out of forty-five of the demigods hold this sector are- Aditi, Diti, Ish, Paijanya, Jayanta, Aap and Aapvatsa.
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