What is sayahna sandhya muhurat?
एक मुहूर्त लगभग दो घड़ी के या 48 मिनट के बराबर होता है।
अमृत/जीव मुहूर्त और ब्रह्म मुहूर्त बहुत श्रेष्ठ होते हैं ; ब्रह्म मुहूर्त सूर्योदय से पच्चीस नाड़ियां पूर्व, यानि लगभग दो घंटे पूर्व होता है। यह समय योग साधना और ध्यान लगाने के लिये सर्वोत्तम कहा गया है।
मुहूर्त, ज्तोतिष के छः अंगों (जातक, गोल, निमित्त, प्रश्न, मुहूर्त, गणित) में से एक अंग है।
शुभ कार्य करने के लिए वांछित समय के गुण-दोष का विचिन्तन मुहूर्त के अन्तर्गत प्रतिपादित है।
वार, नक्षत्र, तिथि, करण, नित्ययोग, ग्रह, राशि -- ये मुहूर्त्त-निर्णय के लिए आवश्यक हैं।
मुहूर्तों के नाम
तैत्तिरीय ब्राह्मण के अनुसार १५ मुहुर्तों के नाम इस प्रकार गिनाए गये हैं।
शतपथ ब्राह्मण में एक दिन के पन्द्रहवें भाग (१/१५) को 'मुहूर्त' की संज्ञा दी गयी है।
१) गोपाल मुहूर्त -- सूर्योदय के समय
२) दिवा मुहूर्त -- सूर्योदय से दोपहर १२ बजे तक
३) मध्यान्ह अभिजित -- दोपहर १२ बजे से सायंकाल तक
४) गोरज मुहूर्त -- सूर्यास्त के समय अथवा उसके बाद ( संध्या के समय )
Astrojyoti Panchangam is based on the authentic principles given in the ancient Gochara and Muhurta scriptures and definitely the most informative and. शुभ मुहूर्त जानते समय वक्त तिथि, वार, नक्षत्र, पक्ष, अयन, चौघड़ियां एवं लग्न. 06:15 PM to 06:39 PM. This page is collection of various Muhurat followed in Hindu electional astrology.
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